Diet And Weight Loss | एक ही चीज को देखने का दो लोगों का नजरिया बहुत अलग होता है।

नमस्कार 1 मार्च नजरिया.....
एक ही चीज को देखने का दो लोगों का नजरिया बहुत अलग होता है। और कभी-कभी तो वह बिल्कुल ही विरुद्ध होता है। जीवन में आप जितने अधिक लोगों से मिलते हैं , उतना ही हमारे सोच का दायरा बढ़ता जाता है। विभिन्न व्यक्तियों से वार्तालाप करने से आप अनुभव युक्त होते जाते हैं। जीवन की हर एक समस्या आप सुलझा सकते हैं अगर सही वक्त पर सही इंसान आपकी जिंदगी में आए। आज ऐसी ही कहानी लेकर आई हूं, मैं बड़ी खुशनसीब हूं क्योंकि मैं जो काम करती हूं वाह मुझे हर एक किस्म के इंसान से मिलने का मौका मिलता है ऐसे ही दो व्यक्ति हाल फिलहाल में मुझे मिले। ऐसी दो महिलाएं जो साथ की दहलीज अभी-अभी पार कर चुकी थी। दोनों ही अनुभव संपन्न। दोनों की कहानी एक जैसी पर नजरिया अलग। महिला नंबर 1 जब इन से मेरी मुलाकात हुई तो दोनों पति पत्नी हमेशा चेकअप कराने क्लीनिक आते थे। जब भी मिलते थे बहुत सारी बातें हमारी होती थी। मानो कि हमारी फ्रेंडशिप हो गई थी। काका और काकू दोनों बहुत अच्छे थे। कुछ महीनों तक दोनों भी अपनी हर महीने की विजिट पर नहीं आ पा रहे थे। मैं भी रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़ा सा भूल गई। ऐसे ही चले गए और 1 दिन काकू अकेले क्लीनिक आए। मेरे पास आपके थोड़ा इमोशनल हो जाने के बाद मुझे पता चला की काका अब नहीं रहे। उसके बाद काकू बहुत इमोशनल हो गए बहुत महलों तक हु क्लीनिक नहीं आते जब भी आते हमेशा बहुत इमोशनल हो जाते बहुत डिपेंडेंट वह हो गए थे अपने घर वालों पर और उन्हें लग रहा था कि अभी मेरे लाइफ में कुछ भी नहीं बचा है। और इस तरह की सोच लेकर वह हमेशा दुखी रहने लगे। मेंटल स्ट्रेस की वजह से बहुत सारी तकलीफों का सामना उन्हें करना पड़ रहा था। लाइफ जो अभी बच्ची थी वह भी वह एंजॉय नहीं कर पा रही थी। मैंने बहुत बार उनसे बात करने की कोशिश की। समझाने की कोशिश की। पर उनके मन में बात पक्की बैठ गई थी कि अभी मेरे जीवन में कुछ भी नहीं बचा है। पर जब तक जिंदगी है हमें तो चलती ही रहना है चाहे आप हंस के चले या रोके। महिला नंबर दो कहानी बिल्कुल ऊपर जैसी नजरिया अलग यह भी पति-पत्नी क्लीनिक में आते थे कुछ दिनों बाद पति के स्वर्गवास जाने के बाद , यह महिला जब क्लीनिक आती थी तो उन्होंने मान लिया था कि अभी आगे की लाइफ उन्हें खुद खुद के भरोसे निकालनी है। जी भी शायद साथ ना रहे। तू यहां से उन्होंने खुद पर ध्यान देना शुरू कर दिया। खुद का खानपान दवाइयां डॉक्टर के विजिट वह खुद अकेले करने लग गईl खुद के उम्र के लोग या जो भी उम्र के लोग इस तरह के लोगों से मिलते हैं। वह अनुभव के साथ बहुत सारा पॉजिटिव एटीट्यूड अपने बुजुर्गों से लेते हैं। जिंदगी है भाई उतार चढ़ाव मिलना बिछड़ना यह सब चलता रहेगा, आप इसको कैसे देखते हैं यह मायने रखता है। नजरिया बहुत मायने रखता है । कभी-कभी नजरिया बदलना बहुत जरूरी हो जाता है। अनुभव आपको बहुत सारी चीजें सिखाता है। अनुभव दो तरह के होते हैं एक तो खुद पे जब गुजरती है तो वह वाला और जब दूसरे पर बीती है तो वह वाला अनुभव। किताबे सोशल मीडिया गूगल यह भी आजकल के अनुभव देने वाले टीचर आपको मिलेंगे। सकारात्मक अनुभव आपको जीवन जीने की ऊर्जा देते हैं। और वही ऊर्जा आप के आजू-बाजू का जो परिसर है उसको भी सकारात्मक बना देता है। Be positive डॉक्टर सोनल कोलते आहार तज्ञ

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