मुझे शाहरुख खान बनना है !!!!!! | सितारे हमारी जिंदगी पर बहुत प्रभाव डालते हैं

सितारे हमारी जिंदगी पर बहुत प्रभाव डालते हैं । ऐसा कहा जाता है ।और ऐसे ही बहुत सारे सितारे जो धरती पर मौजूद है वह भी हमारे जीवन में हमें प्रभावित करते हैं। बड़े स्क्रीन पर नजर आने वाला सच हमें बहुत अपना सा लगता है ।कहीं ना कहीं जिंदगी हम उसी में ढूंढते हैं। पर असली जिंदगी और पर्दे पर दिखने वाला सच बहुत बहुत अलग होता है । आज की कहानी ऐसे ही एक शख्स से मिली हूं उसके बारे में। हर शख्स की एक खूबी होती है और आज तो मुझे मिलने आए थे उनकी भी एक खूबी यह कि वह किसी को अपने सामने बोलने नहीं दे रहे थे ।उनके सामन आप ऑडियंस ही बन सकते हो । यह जनाब का 4 दिन पहले मुझे कॉल आया मैडम आप से मिलना है । होली की वजह से मैंने उन्हें बोला कि हम शनिवार को मिलते हैं । और उसी तरह हमारी अपॉइंटमेंट फिक्स हुई कुछ कारणवश मुझे बाहर जाना पड़ा तो यह आकर केबिन में बैठे हुए थे ।मैं केबिन में जाने के बाद आगे की 2 घंटे सिर्फ मैं सुन रही थी ।बोलना बहुत चाह रही थी लेकिन बोल पाने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही थी । बातों बातों में एक बात बड़ी ध्यान में आई और वह बात थी शाहरुख खान। शाहरुख खान द फिल्म स्टार, किंग खान ,बादशाह खान कीतने नाम इनको दे। इनका एक दौर था जब लोग, लड़कियां इनकी दीवानी हुई होती थी । लेकिन शायद सितारों की चमक कभी कम नहीं होती इनके पास हमेशा रहते हैं। आज जो यह शख्स मेरे सामने बैठे थे बातों बातों में मुझे बोल गए शाहरुख जैसे बॉडी,उनके चेहरे पर जो ग्लो है, जो एनर्जी में रहते हैं वैसे मुझे अभी जो उम्र में वह है उतने उम्र तक रहना है ।यह जो शख्स मेरे सामने बैठे थे इनकी उम्र लगभग 30 के दौरान थी । बहुत ज्यादा influence मुझे लग रहा था शाहरुख जी का। मैं तो कभी मिली नहीं। सितारों की चमक कभी ना कभी किसी ने किसी जिंदगी के तौर पर हमारे आंखों में भी दिखती है । मुझे बड़ा उत्सुक और कुतूहल लगा। एकाक से माधुरी दीक्षित की फिलहाल मैंने नेटफ्लिक्स एक webseries पर देखा था जिस पर सितारों के चमक के पीछे की जिंदगी है ।वह दर्शाई गई थी फिर मैंने सोचा आम आदमी कितना सोचता है । ऐसा ही होता है मैं हमेशा खाने पीने की बात करती हूं डाइट की बात करती हूं ,खाने से रिलेटेड जो तकलीफ है उनके बारे में बात करती हूं ,खाने से जुड़ी हुई बीमारियों के बारे में बात करती हूं । पर फिर मुझे ऐसा लगा किस तरह फिल्म स्टार भी बीमार होते हैं । कैंसर जैसी कितनी बीमारियों से झुंझते हुऐ से हमने अभी-अभी देखा है, कि कितने बड़े-बड़े उम्दा कलाकार जिनके पास पैसा शोहरत नाम सब है फिर भी वह दुनिया से चले गए। इतना सब होने के बावजूद इतने कैसे इनफ्लुएंस हम हो जाते हैं। कोई बोलता है मुझे उनके जैसा शरीर चाहिए कोई बोलता है ।उनके जैसा चेहरा चाहिए ।कोई बोलता है नाम चाहिए ।कोई बोलता है सूरज चाहिए । आपकी जो एक पहचान है वह क्यों हम मिटा देना चाहते हैं ।कोई अगर किसी फिल्म स्टार या एक्ट्रेस के नाम से हम को पुकारते हैं तो हमें बड़ा अच्छा लगता है। क्यों हर इंसान की खुद की एक छवि होती है और वह किसी दूसरे इंसान से कम या ज्यादा नहीं हो सकती। क्योंकि वह उसकी खुद की एक चीज है एक यूनिक पर्सनालिटी है ।कुछ कुछ लोग तो मैंने ऐसे देखे हैं कि पूरे जिंदगी भर डुप्लीकेट शारूख,डुप्लीकेट अमिताभ बच्चन जी ,डुप्लीकेट आमिर खान ऐसे बने फिरते हैं। जिंदगी कट जाती है दूसरे इंसान की पहेचान लेकर।और वह और कहीं ना कहीं खो जाते हैं। चीजों पर असर होना चालू हो जाता है । भगवान ने हमें हर एक चीज दी है । हमें तरीके से ढूंढते नहीं । खाली दिमाग देकर छोड़ दिया है जो तुम को भरना है एक्सपीरियंस से अपने दिमाग में भरिए। अपना नजरिया यहां आने के बाद बनता है ।ऊपर से तो खाली दिमाग लेकर आते हैं कहानियां हमारे साथ हर रोज होते हैं आपके साथ शेयर करने का मन होता है इसलिए बैठ जाते हैं। अगर आप को अच्छी लगी तो ठीक , बुरी लगी तो छोड़ दीजिए धन्यवाद डॉ सोनल कोलते आहार विशेषज्ञ

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