Diet and Weight Loss | 21 साल का एक नौजवान अपने पिता के साथ मेरे क्लीनिक में आया |

नमस्कार वजन कम करना यह जरूरत से ज्यादा दिखावे की चीज हो गई है। इसका अनुभव हाल फिलहाल में है मुझे आया है। रोज में अलग-अलग लोगों से मिलती हूं। पेशे से मैं डॉक्टर हूं, आहार विशेषज्ञ हूं। पर बहुत बार या ऐसा बोलिए कि हर एक बार मुझे एक काउंसलर की भूमिका निभानी पड़ती है। ऐसा ही एक किस्सा मेरे साथ हुआ। 21 साल का एक नौजवान अपने पिता के साथ मेरे क्लीनिक में आया। सारे सवालों के बाद मैंने पूछा वेट लॉस क्यों करना चाहते हो। जवाब हमेशा जो आता है वैसा नहीं था। उसने कहा, मुझे टाइगर श्रॉफ जैसी बॉडी बनानी है, और यह मेरी जिंदगी का मकसद है। मैं आश्चर्यचकित हो गई सहज अगला प्रश्न मेरी तरफ से आया, इससे क्या होगा? टाइगर श्रॉफ को बॉडी बनाने के और दिखाने के पैसे मिलते हैं, या वह उनकी उपजीविका है। आप अपनी मेहनत और वक्त उस पर क्यों जाया कर रहे हैं l सामने से जवाब आया। it's my dream मैंने थोड़ी नजर घुमा कर उनके वालिद की तरफ दिखा। वह मुझे थोड़ी चिंता में दिख रहे थे। मैंने मेरा संवाद चालू रखा। और पूछताछ के बाद मुझे सारा किस्सा समझ में आया। पिताजी जो अब तक शांत बैठे थे, वह मेरी बातों से आश्वस्त और सहमत लग रहे थे। वह भी अपने इकलौते बेटे के भविष्य को लेकर चिंतित दिख रहे थे। आगे वार्तालाप करने के बाद मुझे पता चला कि उनका बच्चा दो बार डिप्रेशन का शिकार हो हुआ है। उनका यह दृढ़ विश्वास था कि जिंदगी में आपको असफलताओं का सामना करना ही पड़ेगा। यही असफलता आप को मजबूत बनाती है। खूब सारे डिस्कशन के बाद हमने यह डिसाइड किया कि यह जो बच्चा है इसका वजन प्रॉपर तरीके से हम कम करेंगे और उसके कुछ एडिक्शन है उसे भी सॉर्ट आउट करने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि अगर स्वस्थ जीवन आप जीना चाहते हैं तो खानपान के साथ हर एक चीज जो आप अपने जीवन शैली में अपनाते हैं, उसका प्रभाव आपके आगे आने वाले जीवन पर पड़ता है। हमने उसे 3 महीने का डाइट प्लान लेने के लिए कन्वींस कर लिया और वह बहुत अच्छे से उसे फॉलो कर रहा है। अभी तो पढ़ाई की तरफ भी ध्यान देना चालू कर दिया है। कभी चीजें बहुत सरल होती है पर हम उसे बेवजह ही complicated बना देते हैं। अभी हम प्रोसेस में है। वजन कम हो रहा है। डिप्रेशन के कुछ भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। जीवन में imagination,fantasy यह एक हद तक जरूरी भी है। कुछ करने की चाह में कभी-कभी अद्भुत चीजें बन जाती है। कितना चलना है ,कहां रुकना है, यह हमारे हाथ में है। राह दिखाने का काम हमारे गुरु या हमारे मेंटर करते हैं। रोज नए-नए किस्से जीने का मौका मुझे मिलता है। शायद सभी को मिलता है। नई जिंदगी नई कहानियां। दूसरों के मन में झांकने के लिए जो खिड़की बनी है। वह खिड़की का ताला बात करने से ही खुलता है। बात करना बहुत जरूरी है। आज बस इतना है डॉ सोनल कोलते आहार विशेषज्ञ और होम्योपैथ

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